यूं रंग भर के खुशियों का,
मुस्कुरा तुम देती हो,
सुकून दे कर मेरी सुबहों को,
रातें चुरा लेती हो,
परेशां है दिल मेरा,
जब यूं नजरों से नजर मिला लेती हो,
मुश्किल है मेरा तुझसे लिपट कर यूं चले जाना,
मगर अगली मुलाकात का वादा कर तुम मना लेती हो,
यूं रंग भर के खुशियों का,
मुस्कुरा तुम देती हो..
- गौरव चौबे
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